आसमान को चूमती मेरी आकांक्षाएं
फ़ौलाद से बुलंद मेरा हौसला
प्रकाश की गति से तेज़ मेरी कल्पना
दुखों के पीछे भाग, उन्हें दूर भगाती मेरी मुस्कान
मत देखो मेरा शरीर, मत समझो मुझे अपाहिज
मैं मेरा शरीर नहीं ।
The random thoughts that I think from my heart. And the feelings erupting in my mind. Isn't life a big paradox?
आसमान को चूमती मेरी आकांक्षाएं
फ़ौलाद से बुलंद मेरा हौसला
प्रकाश की गति से तेज़ मेरी कल्पना
दुखों के पीछे भाग, उन्हें दूर भगाती मेरी मुस्कान
मत देखो मेरा शरीर, मत समझो मुझे अपाहिज
मैं मेरा शरीर नहीं ।
5 comments:
बहुत ही बढ़िया। फोटो सचमुच लाजवाब है। आशा है कि आप भविष्य में इस तरह की पोस्टिंग करते रहेंगे। कुछ पंक्तियां दिल को छू जाती हैं। मेरी शुभकामनाएं
धन्यवाद । मैं प्रोहत्साहित हुआ ।
क्या डॉक,
आप भी। हां पर एक बात है निरर्थक प्रयास वाली पोस्टिंग गज़ब है। ध्यान से पढ़ा तो लगा कि दम है आपकी कलम में। आप और ज़्यादा लिखना डिज़र्व करते हैं। जानती नहीं कि कितना समय आप निकाल पाते है इस सब के लिए पर। आपको और-और लिखना चाहिए
Thanks for your comments and the edit. A good edit can add a lot of fizz !
Photographs and lines both are commendable.
Aap to kabliyat ka pitara ho, doc :)
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